#coronavirus_economy #crudeoilcomedown #petrodieselprice
Why have global oil prices fallen so much...The world's biggest oil producers could be about to slash output as they grapple with the fallout of the coronavirus.
Representatives of oil producers' cartel Opec and its allies are expected to meet this week as calls grow for action to support oil prices.
The cost of crude has hit its lowest level in a year after falling 20% since its peak in January.
#coronavirus_economy #crudeoilcomedown #petrodieselprice
The spread of the coronavirus means the Lunar New Year holiday has been extended in much of China and travel restrictions are in place. As a result, factories, offices and shops remain shut.
That means the world's biggest importer of crude oil, which usually consumes about 14 million barrels a day, needs a lot less oil to power machinery, fuel vehicles, and keep the lights on.
The outbreak is likely to have a particularly large impact on demand for jet fuel as airlines around the world suspend flights to China, and travel restrictions within the country mean far fewer flights.
वुहान तो जैसे भुतहा शहर ही बन गया है। लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं - इस कारण चीन में पेट्रोल -डीजल की खपत तेजी से कम हुई है और इस कारण कच्चे तेल की भी खपत कम हुई है जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम गिरे हैं और भारत में भी इसका असर पेट्रोल और डीजल के भाव कम होने के रूप में देखा जा रहा है।
#coronavirus_impact #crudeoilcomedown #petrodieselprice
बुधवार को जयपुर में पेट्रोल के भाव 76.84 पैसे और डीजल के भाव 71.06 पैसे दर्ज किए गए। इसके पूर्व सोमवार को पेट्रोल के भाव 76 रुपए 90 पैसे और डीजल के भाव 71 रुपए 12 पैसे दर्ज किए गए थे, जबकि मंगलवार को पेट्रोल और डीजल के भावों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था। इसके पूर्व रविवार को जयपुर में पेट्रोल के भाव 77.96 पैसे और डीजल के भाव 71.2 पैसे दर्ज किए गए थे। इस तरह बुधवार को पेट्रोल के भावों में 06 पैसे और डीजल के भावों में 06 पैसे की कमी दर्ज की गई है।
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बता दें पेट्रोल के भावों में कमी का यह सिलसिला 12 जनवरी के बाद से शुरू हुआ था और तब से अब तक पेट्रोल और डीजल के भाव गिरते आ रहे हैं। 11 तारीख को पेट्रोल के भाव 79.90 पैसे और डीजल के भाव
74.33 दर्ज किए थे ।
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इस तरह इन 24 दिनों में पेट्रोल के भावों 3 रुपए 6 पैसे और डीजल के भावों में 3.27 पैसे की कमी दर्ज की गई है।
पेट्रोल और डीजल के भावों में इस गिरावट के लिए कम से कम तीन कारण जिम्मेदार माने जा रहे हैं। दो कारण अंतरराष्ट्रीय हैं और एक कारण राष्ट्रीय है।
पहला और सबसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कारण माना जा रहा क्रूड ऑयल के भावों में कमी। 6 जनवरी के बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के भावों में लगातार गिरावट आई है। 5 जनवरी को ब्रेंट क्रूड ऑयल के भाव
68.96 डॉलर प्रति बैरल दर्ज किए गए थे।
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इसके बाद 4 फरवरी को इसके भाव 54 डॉलर प्रति बैरल दर्ज किए गए। इस तरह ब्रेंट क्रूड ऑयल के भावों में लगभग 14 डॉलर प्रति बैरल की कमी आई है। यही हाल
नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल के भावों का है। बुधवार 4 फरवरी को डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल के भाव 50 डॉलर प्रति बैरल दर्ज किए गए। जबकि 6 जनवरी को इसके भाव 63.27 दर्ज किए गए थे। इस तरह
इसके भावों में भी 13 डॉलर प्रति बैरल से अधिक की कमी आई है।
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क्रूड ऑयल के भावों में गिरावट के लिए भी दो कारण प्रमुख रूप से जिम्मेदार माने जा रहे हैं - पहला कारण है ईरान और अमरीका के बीच तनाव में कमी आ जाना - जिससे गल्फ क्षेत्र में शांति है और कच्चे तेल की
आपूर्ति निर्बाध हो रही है और दूसरा कारण है चीन में कोराना वायरस का प्रकोप। चीन दुनिया में कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है, जहां करॉना वायरस का प्रकोप होने के कारण कई शहरों में सार्वजनिक
परिवहन बंद कर दिया गया है। लोग भी घरों से बाहर निकलन से बच रहे हैं। इस कारण चीन में पेट्रोल-डीजल समेत क्रूड ऑयल की डिमांड कम हो गई है। इस कारण भी क्रूड के भाव गिर रहे हैं।
इसके अलावा भारतीय राजनीति को पेट्रोल और डीजल के इन भावों में कमी से जोड़ा जा रहा है।
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दिल्ली में आठ फरवरी को चुनाव हैं, जो कि केंद्र में शासन करने वाली भाजपा के लिए राजनीतिक रूप से बेहद अहम हो गए हैं। पिछले कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है, इसलिए
भाजपा हर हाल में दिल्ली के चुनाव जीत कर पूरे देश में अहम राजनीतिक संदेश देना चाहती है। सीएए पर देश व्यापी विरोध का सामना कर रही भाजपा के लिए ये जीत बेहद अहम साबित हो सकती है। इन हालात में
जानकारों का कहना है कि इन चुनावों में महंगाई मुद्दा न बन सके इसके लिए सरकार की ओर से तेल वितरक कंपनियों पर पेट्रोल और डीजल के भावों को कम करने का दबाव है। इसलिए पिछले कुछ दिनों से लगातार
पेट्रोल और डीजल के भाव कम हो रहे हैं जितने पहले कभी कम नहीं हुए थे।
User_Swatantra Jain
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